शब्द का अर्थ
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					निकाय					 :
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					पुं० [सं० नि√चि (चयन)+घञ्, कुत्व] १. झुंड। समूह। २. प्राचीन भारत में कुछ विशिष्ट संप्रदाय, विशेषतः बौद्ध धर्म के वे संप्रदाय जिनकी संख्या अशोक के समय में १8 तक पहुँच चुकी थी। ३. दे० ‘समुदाय’। ४. एक ही प्रकार की वस्तुओं का ढेर या राशि। ५. रहने का स्थान। निवास स्थान। निलय। ६. परमात्मा।				 | 
			 
			
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					निकाय्य					 :
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					पुं० [सं० नि√चि+ण्यत् नि० सिद्धि्] घर। गृह।				 | 
			 
			
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