शब्द का अर्थ
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					नागा					 :
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					वि० [सं० नग्न] १. नंगा २. खाली। रहित। रीता। उदा०–नागे हाथ ते गए जिनके लाख करोड़।–कबीर। पुं० १. शैव साधुओं का एक प्रसिद्ध संप्रदाय। २. उक्त संप्रदाय के साधु जो प्रायः बिलकुल नंगे रहते हैं। पुं० [सं० नाग] १. असम देश की एक पर्वत-माला। २. एक प्रकार की अर्द्ध-सभ्य जंगली जाति जो उक्त पर्वत-माला पर रहती है। पुं० [तुं० नागः] १. वह दिन जिसमें कोई व्यक्ति अपने काम पर उपस्थित न हुआ हो। जैसे–नौकर ने इस महीने में चार नागे किये हैं। २. वह दिन जिमसें परम्परा आदि के कारण कोई काम नहीं किया जाता अथवा काम पर उपस्थित नहीं हुआ जाता। जैसे–रविवार को प्रायः नौकर नागा करते हैं। ३. वह दिन जिसमें कोई नित्य किया जानेवाला काम छूट या रह जाय। जैसे–पढ़ाई का नागा, दूकान का नागा। ४. अनवधान के कारण होनेवाली चूक या व्यतिक्रम। उदा०–नागा करमन कौ करत दुरि छिपि छिपि।–सेनापति। क्रि० प्र०–करना।–देना।–पड़ना।				 | 
			
			
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					नागाख्य					 :
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					पुं० [नाग-आख्या, ब० स०] नागकेसर।				 | 
			
			
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					नागांग					 :
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					पुं० [नाग-अंग, ब० स०] हस्तिनापुर।				 | 
			
			
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					नागांगना					 :
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					स्त्री० [ना-गअंगना, ष० त०] हथिनी।				 | 
			
			
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					नागांचला					 :
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					स्त्री० [नाग-अंचल, ब० स०, टाप्०] नाग-यष्टि।				 | 
			
			
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					नागांजना					 :
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					स्त्री० [नाग-अंजन, ब० स०, टाप्] १. नागयष्टि। २. हथिनी।				 | 
			
			
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					नागांतक					 :
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					वि० [नाग-अंतक, ष० त०] नागों का अंत या नाश करनेवाला। पुं० १. गरुड़। २. मोर। ३. सिंह।				 | 
			
			
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					नागानंद					 :
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					पुं० [सं०] हर्ष का एक प्रसिद्ध नाटक।				 | 
			
			
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					नागानन					 :
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					पुं० [नाग-आनन, ब० स०] गणेश।				 | 
			
			
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					नागाभिभू					 :
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					पुं० [सं०] महात्मा बुद्ध।				 | 
			
			
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					नागाराति					 :
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					वि०, पुं० [नाग-आरति, ष० त०]=नागांतक।				 | 
			
			
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					नागारि					 :
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					पुं० [नाग-अरि, ष० त०]=नागांतक।				 | 
			
			
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					नागार्जुन					 :
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					पुं० [सं०] एक प्रसिद्ध बौद्ध चिंतक जो माध्यमिक शाखा के प्रवर्तक और बौद्ध धर्म के प्रचारक थे और जिन्होंने बौद्ध धर्म को दार्शनिक रूप दिया था। इनका समय ईसा से लगभग १00 वर्ष अथवा ईशवी पहली शती के आस-पास माना गया है।				 | 
			
			
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					नागार्जुनी					 :
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					स्त्री० [सं०] दुद्धी नाम की घास।				 | 
			
			
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					नागालाबु					 :
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					पुं० [नाग-अलाबु, उपमि० स०] गोल कद्दू।				 | 
			
			
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					नागाशन					 :
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					वि० [नाग-अशन, ष० त०] नागों का नाशक। पुं० १. गरुण। २. मोर। ३. सिंह। शेर।				 | 
			
			
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					नागाश्रय					 :
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					पुं० [नाग-आश्रय, ष० त०] हस्तिकंद।				 | 
			
			
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					नागाह्व					 :
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					पुं० [ब० स०]नागकेसर (वृक्ष और फूल)।				 | 
			
			
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					नागाह्वा					 :
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					स्त्री० [सं० नाग-आह्व√हवे (स्पर्धा)+अच्–टाप्] लक्ष्मणकंद।				 | 
			
			
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