| शब्द का अर्थ | 
					
				| ध्वजा 					 : | स्त्री० [सं० ध्वज] १. झंडा। पताका। २. मालखंभ की एक प्रकार की कसरत। ३. छन्दशास्त्र में ठगण का पहला भेद, जिसमें पहले लघु और तब गुरु होता है। | 
			
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				| ध्वजादि 					 : | पुं० [ध्वज-आदि, ब० स०] फलित ज्योतिष में, एक प्रकार की गणना, जिसमें नौ कोष्ठकों का ध्वजा के आकार का एक चक्र बनाया जाता है और तब उसके आधार पर प्रश्नों के उत्तर या फल कहे जाते हैं। | 
			
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				| ध्वजारोपण 					 : | पुं० [ध्वज-आरोपण, ष० त०] झंड़ा गाड़ना या लगाना। | 
			
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				| ध्वजांशुक 					 : | पुं० [ध्वज-अंशुक, ष० त०] दे ‘ध्वज-पट’। | 
			
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				| ध्वजाहृत 					 : | पुं० [ध्वज-आहृत, तृ० त०] १. वह धन जो शत्रु को युद्ध में जीतकर प्राप्त किया गया हो। २. पंद्रह प्रकार के दासों में से वह दास जो लड़ाई में जीतकर प्राप्त किया या लाया गया हो। | 
			
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