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			| शब्द का अर्थ |  
				| धौम्य 					 : | पुं० [सं० धूम+यभ्] १. एक ऋषि, जो देवल के भाई और पांडवों के पुरोहित थे। और जो अब पश्चिमी आकाश में स्थित एक तारे के रूप में माने जाते हैं। २. एक ऋषि जो महाभारत के अनुसार व्यघ्रपद नामक ऋषि के पुत्र और बहुत बड़े शिव-भक्त थे। और शिव के प्रसाद से अजर, अमर और दिव्य ज्ञान संपन्न हो गये थे। ३. एक ऋषि का नाम जिन्हें आयोद भी कहते थे। इनके आरुणि, उपमन्यु और वेद नामक तीन शिष्य थे। ४. एक ऋषि, जो पश्चिम दिशा में तारे के रूप में स्थित माने जाते हैं। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |