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			| शब्द का अर्थ |  
				| धैवत 					 : | पुं० [सं० धीमत्+अण्, पृषो० म को व] संगीत में, सात स्वरों में से छठा स्वर जो मदंती, रोहिणी और रम्या नाम की तीन श्रुतियों के योग से बनता है। पंचम और निषाद के बीच का स्वर। इसका संकेत-चिह्न ‘ध’ है। विशेष—कहते हैं कि इस स्तर का उच्चारण मूलतः नाभी से होता है; और किसी के मत से घोड़े के हिनहिनाने और किसी के मत से मेढक के टरटराने के समान होता है। यह षाड़व जाति का, क्षत्रिय वर्ण का और पीले रंग का माना गया है और भयानक तथा वीभत्स रस के लिए उपयुक्त कहा गया है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| धैवत्य 					 : | पुं० [सं० धीवन्+ष्यञ्, न को त] चतुराई। चालाकी। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |