| 
		
			| शब्द का अर्थ |  
				| धूम-केतु 					 : | पुं० [ब० स०] अग्नि, जिसका पताका धूआँ है २. शिव का एक नाम। ३. रावण की सेना का एक राक्षस। ४. ऐसा घोड़ा जिसकी दुम पर भौंरी हो। (ऐसा घोड़ा ऐबी या दूषित समझा जाता है)। ५. एक प्रकार का केतु या तारा, जिसमें पीछे की ओर दूर तक झाड़ू की तरह बहुत लंबी दुम लगी होती है। पुच्छलतारा। (कामेट) |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |