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			| शब्द का अर्थ |  
				| धीजना 					 : | स० [सं० धृ०, धार्य, धैर्य] १. ग्रहण या स्वीकार करना। अंगीकार करना। २. प्रतीति या विश्वास करना। उदा०—उज्ज्वल देखिन धीजिए बग ज्यों माँडे ध्यान।—कबीर। अ० १. धैर्य से युक्त होना। धीर बनना। २. बहुत प्रसन्न होना। ३. शांत या स्थिर होना। उदा०—चित भूल तो भूलत नाहिं सुजान जु चंचल ज्यौं कछु धीजत है।—घनानंद। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |