शब्द का अर्थ
|
धर्म-चक्र :
|
पुं० [ष० त०] १. धर्म का सारा क्षेत्र और उसके सब आचरण तथा व्यवहार। २. प्राचीन काल का एक प्रकार का अस्त्र। ३. धर्मशिक्षा रूपी वह चक्र या पहिया, जो गौतम बुद्ध ने काशी में सबको धर्म की शिक्षा देने के लिए चलाया था। ४. गौतम बुद्ध, जो उक्त चक्र चलानेवाले थे। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|