| शब्द का अर्थ | 
					
				| धमार 					 : | स्त्री० [अनु०] १. उछल-कूद। धमा-चौकड़ी। २. उत्पात। उपद्रव। ३. नटों की उछलकूद, कलाबाजी आदि। ४. एक विशेष प्रकार के लोकगीत जो मुख्यतः फागुन में पाये जाते हैं। अब इनका प्रवेश शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में भी हो गया है। मुहा०—धमार खेलना = आनंद-मंगल और क्रीड़-कौतुक करना। ५. उक्त गीत के साथ बजने वाला ताल। ५. वह क्रिया जिसमें कुछ लोग मंत्र-बल से दहकती हुई आग या जलते हुए कोयले पर चलते हैं। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| धमारिया 					 : | पुं० [हिं० धमार] १. नट जो प्रायः उछल-कूद करते रहते हैं। २. उत्पाती या उपद्रवी व्यक्ति। ३. वह जो धमार गाने में निपुण हो। ४. वह जो मंत्र-बल आदि से जलती हुई आग या दहकते हुए अंगारों पर चलता हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| धमारी 					 : | वि० [हिं० धमार]=धमारिया। स्त्री०=धमा-चौकड़ी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |