| शब्द का अर्थ | 
					
				| धतूर 					 : | पुं० [अनु० धू+सं० हूर] नरसिंहा नाम का बाजा। धूतू। सिंहा। तुरही। पुं०=धतूरा।a | 
			
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				| धतूरा 					 : | पुं० [सं० धुस्तूर] १. दो तीन हाथ ऊंचा एक प्रकार का पौधा, जिसके पत्ते पान के आकार के नोकदार तथा कोमल होते हैं तथा फल सेब की तरह गोल होते हैं किन्तु ऊपर छोटे-छोटे काँटे होते हैं। इसके फल तथा बीज बहुत अधिक जहरीले तथा मादक होते हैं; इसीलिए फल शिवजी को चढ़ाये जाते हैं। २. उक्त पौधे का फल जो बहुत जहरीला होता है। ३. कोई जहरीली वस्तु। मुहा०—धतूरा खाये फिरना=इस प्रकार उन्मत्त और नशे में चूर होकर घूमना, मानों धतूरे के बीज अथवा ऐसी ही कोई जहरीली चीज खा ली हो। | 
			
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				| धतूरिया 					 : | पुं० [हिं० धतूर+इया (प्रत्य०)] ठगों का वह दल, जो पथिकों को धतूरे का बीज खिलाकर बेहोश करता और लूटता था। | 
			
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