शब्द का अर्थ
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द्विजा :
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स्त्री० [सं० द्विज+टाप्] १. ब्राह्मण या द्विज की स्त्री। २. पालक का साग जो एक बार काट लिये जाने पर भी दोबारा बढ़ जाता है। ३. संभालू का बीज। रेणुका। ४. नारंगी। |
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समानार्थी शब्द-
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द्विजांगिका :
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स्त्री० [सं० द्विज-अंग ब० स०, कप्-टाप्, इत्व] कुटकी। |
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द्विजांगी :
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स्त्री० [सं० द्विज-अंग ब० स०, ङीष्] कुटकी। |
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द्विजाग्रज :
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पुं० [सं० द्विज-अग्रज ष० तृ०] श्रेष्ठ ब्राह्मण। |
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द्विजाति :
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पुं० [स० ब० स०]=द्विज। (देखें) |
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द्विजानि :
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पुं० [सं० द्वि-जाया ब० स०, नि आदेश] ऐसा जिसकी दो पत्नियाँ हों। |
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द्विजायगी :
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स्त्री०=दुजायगी। |
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द्विजायनी :
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स्त्री० [सं० द्विज-अयन ष० तृ०, ङीप्] यज्ञोपवीत। |
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द्विजालय :
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पुं० [सं० द्विज-आलय ष० त०] १. द्विज का घर। २. घोंसला। |
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द्विजावंती :
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स्त्री० [सं०] संगीत में कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी। |
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