शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					दो-रसा					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० दो+रस] १. एक प्रकार के रस या स्वादवाला। जिसमें दो तरह के रस या स्वाद हों। जैसे—दो-रसा तमाकू (पीने का)। २. (दिन या समय) जिसमें थोड़ी-थोड़ी गरमी या सरदी दोनों पड़ती हों। ऋतु परिवर्तन के समय का। जैसे—दो-रसे दिन। ३. (स्त्रियों के संबंध में स्थिति) जिसमें दो अथवा अनेक प्रकार के भाव या विचार मन में उठते हों (अर्थात गर्भवती होने के दिन)। पुं० एक प्रकार का पीने का तमाकू जिसका धूआँ कुछ कड़ुआ और कुछ मीठा होता है।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |