शब्द का अर्थ
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					दृत					 :
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					स्त्री० [सं०√दृ (सम्मान,हिंसा)+क्त] [स्त्री० दृता] १. सम्मानित। २. आदृत।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					दृता					 :
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					स्त्री० [सं० दृत+टाप्] जीरा।				 | 
			
			
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					दृताग्रवेग					 :
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					वि० [सं० दृत-अग्रवेग ब० स०] (सेना) जिसका अग्रभाग नष्ट हो गया हो। दे० ‘प्रतिहृत’।				 | 
			
			
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					दृति					 :
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					स्त्री० [सं०√दृ (विदारण)+ति, हृस्वता] १. चमड़ा। खाल। २. खाल का बना हुआ थैला या पात्र। ३. पानी भरने की मशक। ४. गौओं, बैलों आदि के गले का झूलता हुआ चमड़ा। गल-कंबल। ५. बादल। मेघ। ६. एक प्रकार की मछली।				 | 
			
			
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					दृति-धारक					 :
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					पुं० [ष० त०] एक प्रकार का पौधा जिसे आनंदी और वामन भी कहते हैं।				 | 
			
			
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					दृतिहरि					 :
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					पुं० [सं० दृति√हृ (हरण)+इन्] (खाल या चमड़ा चुरानेवाला) कुत्ता।				 | 
			
			
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					दृतिहार					 :
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					पुं० [सं० दृति√हृ+अण्] मशक से पानी भरनेवाला, भिश्ती।				 | 
			
			
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