शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					दुलत्ती					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं. दो+लात] १. गाय, घोड़े आदि का किसी पर प्रहार करने के लिए पिछली दोनों टाँगें एक साथ उठाने तथा झटकारने की क्रिया या भाव। क्रि० प्र०—चलना।—झाड़ना।—फेंकना।—मारना। २. उक्त प्रकार से किया जाने या लगनेवाला आघात। मुहा०—दुलत्ती झाड़ना =बहुत बिगड़ कर अलग या दूर होते हुए ऐसी बातें करना मानों गधों या घोड़ों की तरह अथवा पशुओं का-सा आचरण या व्यवहार कर रहे हों। (परिहास और व्यंग्य) ३. मालखंभ की एक कसरत जिसमें दोनों पैरों से मालखंभ को लपेटकर बाकी बदन मालखंभ से अलग झुलाकर ताल ठोंकते हैं।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |