शब्द का अर्थ
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					दानव					 :
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					पुं० [सं० दनु+अण्] दनु (कश्यप की स्त्री) के वे पुत्र जो देवताओं के घोर शत्रु थे। असुर। राक्षस।				 | 
			
			
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					दानव-गुरु					 :
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					पुं० [ष० त०] शुक्राचार्य।				 | 
			
			
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					दानवज्र					 :
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					पुं० [सं०] महाभारत के अनुसार एक प्रकार के घोड़े जो देवताओं और गंधर्वों की सवारी में रहते हैं, कभी बुड्ढे नहीं होते और मन की तरह वेगवान् होते हैं।				 | 
			
			
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					दानवारि					 :
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					पुं० [सं० दानव-अरि, ष० त०] १. दानवों का नाश करनेवाले, विष्णु। २. देवता। ३. इंद्र।				 | 
			
			
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					दानवी					 :
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					वि० [सं० दानवी] दानवों का। दानव-संबंधी। जैसे—दानवी माया। स्त्री० [सं० दानव+ङीष्] दानव जाति की स्त्री। राक्षसी।				 | 
			
			
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					दानवेंद्र					 :
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					पुं० [सं० दानव-इंद्र, ष० त०] राजा बलि।				 | 
			
			
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