शब्द का अर्थ
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					दरस					 :
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					पुं० [सं० दर्श] १. देखा-देखी। दर्शन। २. भेंट। मुलाकात। ३. खूबसूरती। सुंदरता। ४. छबि। शोभा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					दरसन					 :
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					पुं०=दर्शन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					दरसना					 :
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					अ० [सं० दर्शन] दिखाई पड़ना। देखने में आना। स०=देखना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					दरसनिया					 :
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					पुं० [सं० दर्शन] १. मंदिरों में लोगों को दर्शन करानेवाला पंडा २. शीतला आदि की शांति के लिए पूजा-पाठ करनेवाला व्यक्ति।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					दरसनी					 :
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					स्त्री० [सं० दर्शन] दर्पण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) वि०=दरशनी।				 | 
			
			
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					दरसनीय					 :
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					वि०=दर्शनीय।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					दरसाना					 :
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					स० [सं० दर्शन] १. दर्शन कराना। दिखलाना। २. प्रकट या स्पष्ट रूप में सामने रखना। ३. स्पष्ट रूप में बिना कुछ कहे केवल आचरण, व्यवहार आदि के द्वारा जतलाना। झलकाना। जैसे—उन्होंने अपनी बात-चीत से दरसा दिया कि वे सहमत नहीं है। अ० दिखाई देना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					दरसावना					 :
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					स०=दरसाना।				 | 
			
			
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