शब्द का अर्थ
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त्रि-गर्त्त :
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पुं० [सं० ब० स०] १. रावी, व्यास और सतलज की घाटियों का अर्थात् आधुनिक काँगड़े और जालंधर के आस-पास के प्रदेश का पुराना नाम। २. उक्त देश का निवासी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
त्रि-गर्त्ता :
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स्त्री० [सं० ब० स० टाप्] छिनाल स्त्री। पुंश्चली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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