शब्द का अर्थ
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					त्रि-कूट					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] १. वह पर्वत जिसकी तीन चोटियाँ हों। २. पुराणानुसार वह पर्वत जिस पर लंका बसी हुई मानी गई हो जो रूप-सुन्दरी नामक देवी का निवास स्थान कहा गया है। इसकी गिनती पीठ-स्थानों में होती है। ३. क्षीरोद समुद्र में स्थित एक कल्पित पर्वत। ४. हठयोग के अनुसार मस्तक के कुछ चक्रों जिसका स्थान दोनों भौंहों के बीच में माना गया है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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