शब्द का अर्थ
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					तेरह					 :
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					वि० [सं० त्रयोदस, प्रा० तेद्दह, अर्द्धमा, तेरस] जो गिनती या संख्या में दस से तीन अधिक हो। पं० उक्त की सूचक संख्या और अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है।–१३। मुहावरा–तीन तेरह होना–दे० तीन के अन्तर्गत मुहा। तेरह बाइस करना–टाल-मटोल या बहानेबाजी करना।				 | 
			
			
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					तेरहवाँ					 :
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					वि० [हिं० तेरह+वाँ (प्रत्यय)] क्रम या संख्या के विचार से तेरह के स्थान पर पड़ने या होनेवाला।				 | 
			
			
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					तेरहीं					 :
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					स्त्री० [हिं० तेरह+ई(प्रत्यय)] हिंदुओं में, किसी के मरने के दिन से तेरहवाँ दिन। विशेष–इसी दिन अनेक प्रकार के कृत्य औ पिंडदान आदि कराकर मृतक से संबंधी शुद्ध होते हैं।				 | 
			
			
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					तेरहुत					 :
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					पं०=तिरहुत।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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