शब्द का अर्थ
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					तामस					 :
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					वि० [सं० तमस्+अण्] १. जिसमें तमोगुण की अधिकता या प्रधानता हो। जैसे–तामस स्वभाव। पुं० १. अंधकार। अँधेरा। २. अज्ञान और उससे उत्पन्न होनेवाला मोह। ३. दुष्ट प्रकृति का मनुष्य। खल। ४. क्रोध। गुस्सा। ५. सर्प। सांप। ६. उल्लू। ७. पुराणानुसार चौथे मनु का नाम। ८. एक प्राचीन काल का एक प्रकार का अस्त्र। ९. दे० ‘तामस-कीलक’।				 | 
			
			
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					तामस-कीलक					 :
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					पुं० [उपमि० स०] एक प्रकार के केतु जो राहु के पुत्र माने और संख्या में ३३ कहे हैं, इनका चन्द्रमंडल में दिखाई पड़ना शुभ और सूर्यमंडल में दिखाई पड़ना अशुभ माना जाता है।				 | 
			
			
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					तामस-मद्य					 :
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					पुं० [कर्म० स०] कई बार की खींची हुई शराब जो बहुत तेज हो जाती है।				 | 
			
			
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					तामस-वाण					 :
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					पुं० [कर्म० स०] एक तरह का शस्त्र।				 | 
			
			
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					तामसिक					 :
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					वि० [सं० तमस्+ठञ्–इक] १. अंधकार। संबधी। २. तमोगुण संबंधी।				 | 
			
			
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					तामसी					 :
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					वि० [सं०तामस+ङीष्] तमोगुण संबंधी। तामसिक। जैसे–तामसी प्रकृति। स्त्री० १. अँधेरी रात। २. महाकाली। ३. जटामासी पौधा। बालछड़। ४. पुराणानुसार माया फैलाने की एक कला या विद्या जो शिव ने मेघनाद के निकुमिला यज्ञ के प्रसन्न होकर उसे सिखाई थी।				 | 
			
			
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					तामस्स					 :
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					पुं०=तामस।				 | 
			
			
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