शब्द का अर्थ
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					तरी					 :
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					स्त्री० [सं० तरि+ङीष्] १. नाव। नौका। २. गदा। ३. धूआँ। धूम। ४. कपड़े रखने का पिटारा। ५. कपड़े का छोर या सिरा। स्त्री० [फा० तर] १. तर होने की अवस्था या भाव। आर्द्रता। गीलापन। २. वातावरण में होनेवाली आर्द्रता। ३. प्रिय और सुखद। ठंढक। शीतलता। ४. तलहटी। तराई। ५. तलछट। तलौंछ। ६. वह नीची भूमि जहाँ बरसात का पानी इकट्ठा होता हो। स्त्री०=तरकी (कान का गहना)। स्त्री०=तल्ला (जूते का) उदाहरण– जो पहिरी तन त्राण को माणिक तरी बनाय।–केशव।				 | 
			
			
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					तरीका					 :
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					पुं० [अ० तरीकः] १. काम करने का कोई उपयुक्त मान्य या विशेष ढंग। २. आचार या व्यवहार की चाल-ढाल। ३. उपाय। युक्ति।				 | 
			
			
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					तरीनि					 :
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					स्त्री० [हिं० तर-तले] पहाड़ के नीचे का भाग। तलहटी। (बुंदेल) उदाहरण–-फूटे हैं सुगंध घट श्रवन तरिनि में।–केशव।				 | 
			
			
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					तरीष					 :
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					पुं० [सं०√तृ (तरना)+ईषन्] १. सूखा गोबर। २. नाव। ३. जलाशय पार करने का बेड़ा। ४. समुद्र। सागर। ५. स्वर्ग। ६. रोजगार। व्यवसाय।				 | 
			
			
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					तरीषी					 :
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					स्त्री० [सं० तरीष+ङीष्] इंद्र की एक कन्या।				 | 
			
			
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