शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					तरज					 :
				 | 
				
					पुं०=तर्ज।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरजना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० तर्जन] १. क्रोधपूर्वक या बिगड़ते हुए कोई बात कहना। भला-बुरा कहते हुए डाँटना। २. भविष्य में सचेत रहने के लिए कुछ धमकी देते हुए कोई बात कहना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरजनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० तर्जन] डर। भय। स्त्री०=तर्जनी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरजीला					 :
				 | 
				
					वि० [सं० तर्तन] १. तर्जन करनेवाला। २. क्रोधपूर्ण। ३. उग्र। प्रचंड।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरजीह					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अ] दे० ‘वरीयता’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरजीहाँ					 :
				 | 
				
					वि०=तरजीला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरजुई					 :
				 | 
				
					स्त्री० [फा० तराजू] छोटा तराजू।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरजुमा					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] १. एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद करने की क्रिया या भाव। २. इस प्रकार किया हुआ अनुवाद। उलथा। भाषान्तर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरजुमान					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] अनुवाद करनेवाला व्यक्ति। अनुवादक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |