शब्द का अर्थ
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ढुलमुल :
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वि० [हिं० ढुलना में का ढुल+अनु० मुल] १. (पदार्थ) जो किसी स्थान पर स्थिर न रहने के कारण बराबर हिलता-डुलता रहे। २. (व्यक्ति) जो विचारो की दृढ़ता या निश्चय के अभाव में किसी बात के दोनों पक्षों में से कभी एक ओर और कभी दूसरी ओर प्रवृत्त होता हो। जिसमें किसी बात या विषय के संबंध में अंतिम निर्णय करने की समर्थता न हो। जैसे–ढुलमुल यकीन=जल्दी हर बात पर अथवा कभी एक बात पर और कभी दूसरी बात पर विश्वास कर लेनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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