शब्द का अर्थ
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					ढास					 :
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					पुं० [सं० दस्यु] १. ठग। २. लुटेरा। ३. डाकू। स्त्री० [हिं० ढासना] १. ढासना लगाने की क्रिया या भाव। क्रि० प्र०–लगाना। २. वह चीज जिस पर ढासना लगाकर बैठा जाय।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					ढासना					 :
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					पुं० [सं० धा=धारण करना+आसन] वह तकिया या और कोई ऊंची खड़ी वस्तु जिस पर टेक लगाकर कहीं बैठा जाता है। जैसे–दीवार का ढासना लगाकर बैठना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |