शब्द का अर्थ
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					ढँढोरा					 :
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					पुं० [अनु० ढम+ढोल] १. वह ढोल जो जन-साधारण को किसी बात की सूचना देने या सार्वजनिक रूप से घोषणा करने के समय बजाया जाता है। डुगडुगी। डुग्गी। डौंडी। क्रि० प्र०–पीटना।–बजाना। २. ढोल बजाकर की जानेवाली घोषणा। मुनादी। मुहावरा–ढँढोरा फेरना=(क) किसी बात की सूचना सबको ढोल बजाकर देना। जैसे–लड़के के खोने पर उन्होंने ढँढोरा फिरवाया था। (ख) किसी बात की सूचना सब को देते फिरना। जैसे–घर की बातों का ढँढोरा नहीं फेरा जाता।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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