शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					ठक					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अनु०] आघात करने या ठोंकने से होनेवाला ठक शब्द। वि० सन्नाटे में आया हुआ। भौंचक्का। स्तब्ध। पुं० चंडूबाजों की सलाई या सूजा जिसमें अफीम का किवाम लगाकर सेंकते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठक-ठक					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अनु०] १. बार-बार आघात करने से होनेवाला शब्द। २. लाक्षणिक अर्थ में, कहा-सुनी या तू-तू मैं-मैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकठकाना					 :
				 | 
				
					स० [अनु० ठक-ठक] १. ठक-ठक शब्द उत्पन्न करना। २. अच्छी तरह या खूब पीटना। अ, ठक-ठक शब्द होना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकठकिया					 :
				 | 
				
					वि० [अनु० ठक-ठक] १. ठक-ठक शब्द उत्पन्न करनेवाला। २. जो स्वभावताः दूसरों से लड़ता-झगड़ता रहता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकठेन					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अनु० ठक+हिं० ठानना] अड़। जिद। हठ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकठौआ					 :
				 | 
				
					पुं० [अनु०] १. एक प्रकार का करताल। २. वह जो उक्त करताल बजाकर भीख माँगता हो। ३. एक प्रकार की छोटी नाव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकना					 :
				 | 
				
					अ० [अनु०] सहारा लगाकर बैठना। टिकना। उदाहरण–ठकि गो पीय पलँगिया आलस पाई।–रहीम। स०=टेकना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकमुर्री					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० ठग+मूरि] १. वह स्थिति जिसमें आदमी बहुत अधिक चकित या भौंचक्का होकर स्तब्ध रह जाय। जैसे–उसे देखकर हमें तो ठकमुर्री लग गई। क्रि० प्र०–लगना। २. दे० ‘ठगमूरि’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ठ+कार] ‘ठ’ अक्षर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकुआ					 :
				 | 
				
					पुं०=ठोकवा (पकवान)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकुरई					 :
				 | 
				
					स्त्री०=ठकुराई।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकुरसुहाती					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० ठाकुर=स्वामी+सुहाना] स्वामी अथवा किसी बड़े व्यक्ति को प्रसन्न करने या रखने के लिए कही जानेवाली खुशामद भरी बात।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकुराइत					 :
				 | 
				
					स्त्री०=ठकुरायत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकुराइन					 :
				 | 
				
					स्त्री०=ठकुरानी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकुराइस					 :
				 | 
				
					स्त्री०=ठकुरायस।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकुराई					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० ठाकुर] १. ठाकुर होने की अवस्था या भाव। २. ठाकुरों का सा आधिपत्य, प्रभुत्व या स्वामित्व। ३. वह प्रदेश या भू-भाग जो किसी ठाकुर के अधिकार में या अधीन हो ४. ठाकुरों की सी प्रतिष्ठा या महत्व। उदाहरण–हरि के जन की अति ठकुराई।–सूर। ५. बड़प्पन। महत्त्व। पुं० ठाकुर। राजपूत क्षत्रिय।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकुराना					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० ठाकुर] गाँव या बस्ती का विभाग जिसमें अधिकतर ठाकुर या क्षत्रिय रहते हों।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकुरानी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० ठाकुर] १. ठाकुर या राजपूत जाति की स्त्री। २. ठाकुर अर्थात् राजा या सरदार की पत्नी। ३. मालकिन। स्वामिनी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकुराय					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० ठाकुर] ठाकुरों या राजपूत क्षत्रियों की एक जाति या वर्ग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकुरायत					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० ठाकुर] १. ठाकुर (अधिपति, प्रभु आदि) होने की अवस्था या भाव। २. किसी ठाकुर (अधिपति आदि) का अधीनस्थ प्रदेश या भू-भाग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठकोरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० ठेकना+औरी (प्रत्यय)] वह लकड़ी या छड़ी जिसके सहारे अथवा जिसे टेकता हुआ कोई चलता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठक्क					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] व्यापारी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठक्कर					 :
				 | 
				
					स्त्री०=टक्कर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ठक्कुर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] ठाकुर। देवता। पूज्य प्रतिमा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |