शब्द का अर्थ
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					जकड़					 :
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					स्त्री० [हिं० जकड़ना] १. जकड़ने की क्रिया ढंग या भाव। २. जकड़े अर्थात् चारों ओर से दृढ़ बंधन में होने की अवस्था या स्थिति।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					जकड़ना					 :
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					स० [सं० युक्त+करण] १. इस प्रकार किसी चीज को कसकर दबाते हुए बाँधना कि वह हिल-डुल न सके। २. इस प्रकार से नियम, बंधन आदि बनाना या लागू करना कि उनसे बच सकना किसी का संभव न हो। अ० १. जकड़ा जाना। चारों ओर से कसकर बाँधा जाना। २. नियमों बंधनों आदि से इस प्रकार घिरना कि छुटकारा या बचत न हो सकती हो। ३. शीत आदि के कोप से शरीर अथवा शरीर के किसी अंग का इस प्रकार कस, ऐंठ या तन जाना कि वह हिल-डुल न सके। जैसे–गठिया के रोग से घुटने जकड़ना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					जकड़बंद					 :
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					वि० [हिं० जकड़+फा० बंद] जिसे अच्छी तरह जकड़कर बाँध लिया गया हो। किसी की जकड़ में आया हुआ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |