शब्द का अर्थ
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छब :
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स्त्री० [सं० छवि] छवि। सौंदर्य।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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छब-तखत :
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स्त्री० [हिं० छबि+अ० तकतीअ] शरीर की सुंदर बनावट। |
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छबड़ा :
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पुं० [हिं० छबड़ी का पुं० रूप] बड़ी छबड़ी। |
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छबड़ी :
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स्त्री० [पं० छाबड़ी] १. खोंचा। (दे०) २. टोकरी। डलिया। |
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छबना :
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अ० [हिं० छबि] १. छवि या सौंदर्य से युक्त होना। सुशोभित होना। उदाहरण–उझकि-उझकि पद कंजनि के पंजनि पै पेखि पेखि पाती छाती छोहनि छबै लगि।–रत्नाकर। २. किसी चीज का किसी स्थान पर लगकर ठहर जाना। जैसे–गाल पर कालिख छबना। (बुंदेल०)। |
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छबि :
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स्त्री० [सं० छबि] छवि। सौंदर्य। स्त्री० [अ० शबीह] १. ऐसा चित्र या तस्वीर जिसमें किसी व्यक्ति के मुख की आकृति स्पष्ट रूप से दिखाई गई हों। २. चित्र। |
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छबीना :
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पुं० [देश०] पड़ाव। उदाहरण–आध मील चलने के उपरान्त वह अंग्रेजी छबीने के पास पहुँचा।–वृंदावनलाल वर्मा। |
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छबीला :
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वि० [सं० प्रा० छवि, दे० प्रा० छाइल्लो, गु० छबिलो, पं० छबीला, मरा० छबिला] [स्त्री० छबीली] १. (व्यक्ति) जो छबि से युक्त हो। सुंदर। २. जो बन-ठन कर रहता हो। छैला। बाँका। |
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छबुँदा :
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पुं० [हिं० छ+बुंदा] काले रंग का एक प्रकार का छोटा जहरीला कीड़ा जिसकी पीठ पर सफेद रंग की ६ बुंदकियाँ होती हैं। |
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छब्बीस :
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वि० [सं० षट्विंशति] जो गिनती में बीस से छः अधिक हो। पुं० उक्त की सूचक संख्या जो इस प्रकार लिखी जाती है।–२६। |
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छब्बीसी :
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स्त्री० [हिं० छब्बीस] फलों आदि की गिनती का एक प्रकार जिसमें २६ गाहियों (अर्थात् १३० दानों) का सैकड़ा माना जाता है। |
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