शब्द का अर्थ
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					चित्रोत्तर					 :
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					पुं० [चित्र-उत्तर, ब० स०] साहित्य में उत्तर अलंकार का एक भेद जिसमें प्रश्न ऐसे विचित्र ढंग से रखे जाते हैं कि उन्हीं के शब्दों में उनके उत्तर भी रहते हैं अथवा कई प्रश्नों का एक ही उत्तर भी रहता है। जैसे–‘मुग्धा तियकी केलि रुचि कोन भौन में होय। में का उत्तर ‘कोन भौन’ अर्थात् भवन का कोना है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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