शब्द का अर्थ
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					घड़ा					 :
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					पुं० [सं० घट, पा० घटो, प्रा० घड़ग, गड़, बँ० घरा० सिं० घरो, गुं० घड़ो, मरा० घड़ा] १. धातु,मिट्टी आदि का बना हुआ एक प्रसिद्ध गोलाकार पात्र जो प्रायः पानी भरने या अनाज आदि रखने के काम आता है। कलसा। गगरा। मुहावरा–(किसी पर) घड़ों पानी पड़न=अपनी त्रुटि या भूल सिद्ध होने पर दूसरों के सम्मुख लज्जित होना। पद–चिकना घड़ा=ऐसा व्यक्ति जो दूसरों द्वारा लज्जित किये जाने पर भी संकुचित न होता हो। बहुत बड़ा निर्लज्ज।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					घड़ाई					 :
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					स्त्री० दे० ‘गढ़ाई’।				 | 
			 
			
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					घड़ाना					 :
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					स० दे० ‘गढ़ाना’।				 | 
			 
			
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					घड़ामोड़ा					 :
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					वि० [हिं० गढ़+मोड़ना] शूर-वीर। (डिं०)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			 
			
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