शब्द का अर्थ
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					गायब					 :
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					वि० [अ०] जो सहसा अन्तर्धान हो गया अथवा परोक्ष में चला गया हो। जो आँखों से ओझल हो गया हो। लुप्त। मुहावरा–(कोई चीज) गायब करना=चालाकी या चोरी से कोई चीज उठा या हटा लेना। पद–गायब गुल्ला=जो इस प्रकार अदृश्य या लुप्त हो गया हो कि जल्दी उसका पता न चले। पुं० चौसर, शतरंज आदि खेलने का वह विशिष्ट कौतुकपूर्ण प्रकार जिसमें कोई कुशल खेलाड़ी स्वंय तो आड़ में छिपा बैठा रहता है और दूसरे खेलाड़ी की चाल का रूप या विवरण सुन कर ही उस चाल के उत्तर में अपने पक्ष की चाल चलने का आदेश देता है। विसात मोहरे आदि से अलग और दूर रहकर तथा उन्हें बिना देखें खेलने का ढंग या प्रकार। मुहावरा–गायब खेलना= उक्त प्रकार से आड़ में बैठकर चौसर शतरंज या ऐसा ही कोई खेल (बिना उसके उपकरण देखे) खेलना।				 | 
			
			
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					गायब-बाज					 :
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					पुं० [अ०+फा०] [भाव० गायब-बाजी] वह खेलाड़ी जो गायब (चौसर शतरंज आदि) खेलता हो।				 | 
			
			
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					गायबाना					 :
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					क्रि० वि० [अ० गायबानः] १. गुप्त रीति से। छिपे छिपे। २. किसी की चोरी से या पीठ पीछे।				 | 
			
			
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