शब्द का अर्थ
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					गल्ल					 :
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					पुं० [सं०√गल्+ल] गाल। कपोल। स्त्री० [सं० गल्प] १. बात। (पंजाब) २. शोर। हल्ला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					गल्लई					 :
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					स्त्री० [अ० गुल, हिं० गुल्ला] शोर गुल। वि० [हिं० गल्ला=अनाज] अनाज या गल्ले के रूप में होने अथवा दिया-लिया जानेवाला। जैसे–खेत की पैदावार का गल्लई। बँटवारा।				 | 
			
			
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					गल्लक					 :
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					पुं० [सं०√गल्+क्विप्,गल्√ला(लेना)+क] १. मद्य पीने का पात्र। २. एक प्रकार का राल।				 | 
			
			
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					गल्लह					 :
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					पुं० [सं०गल्ल] १.कुछ विशिष्ट प्रकार के पशुओं का झुंड। दल। जैसे-बकरियों या भेड़ों का गल्ला। २.वह थैली या संदूक जिसमें दूकानदार रोज की ब्रिकी से आनेवाला धन रखते हैं। गुल्लक। जैसे-बोहनी न बट्टा, गल्ले में हाथ। (कहा.) पुं० [अ.गल्लः] १.अनाज। अन्न। २.उतना अन्न जितना चक्की में पीसने के लिए एक बार में डाला जाता है। ३.पेड़-पौधों आदि की उपज या पैदावार। पुं० [?] एक प्रकार का बेंत जिसे मोला भी कहते हैं।				 | 
			
			
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					गल्लाफऱोश					 :
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					पुं० [फा०] अनाज बेचनेवाला व्यापारी।				 | 
			
			
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					गल्ली					 :
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					स्त्री०=गली।				 | 
			
			
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