शब्द का अर्थ
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					गली					 :
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					स्त्री० [सं० गल] १. वह सँकरा मार्ग जिसके दोनों ओर घर आदि बनें होते हैं तथा जिसपर चलकर लोग प्रायः घरों को जाते हैं। (लेन) पद-गली कूचा। ( दे०) मुहावरा–गली कमाना=गली में झाड़ू देकर या उसकी नालियों, मोरियों आदि साफ करके जीविका उपार्जित करना। गली गली मारे फिरना= (क) व्यर्थ इधर-उधर घूमना। (ख) जीविका के लिए इधर-से उधर भटकना। (ग) किसी पदार्थ का चारों ओर से अधिकता से मिलना। २. किसी गली के आस-पास के घरों का समूह, मुहल्लों के नामवाचक रूप में। जैसे-कचौरी गली, गणेश गली आदि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					गलीचा					 :
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					पुं० [फा० गालीचः(कालीन चा-तु० काली या कालीन से)] १. ऊन की बुनी हुई एक प्रकार की मोटी चादर जिसपर लोग बैठते हैं। २. कँकरीली जमीन (कहार)।				 | 
			
			
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					गलीज़					 :
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					वि० [अ०] १. गँदला। मैला। २. अपवित्र। नापाक। स्त्री० १. कूड़ा-कर्कट। गंदगी। २. मल-मूत्र आदि।				 | 
			
			
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					गलीत					 :
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					वि० [सं० गलित] १. गंदा या मैला। २. अनुचित या बुरा। ३. दे० गलित।				 | 
			
			
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					गलीम					 :
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					पुं०=गनीम।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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