शब्द का अर्थ
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गरदान :
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वि० [फा०] १. घूम-फिरकर एक ही स्थान पर आनेवाला। २. एक ही बिंदु या स्थान के चारों ओर घूमनेवाला। पुं० १. शब्दों का रूप साधन। २. वह कबूतर जो घूम-फिर कर पुनः अपने स्थान पर आ जाता है। ३. चक्कर। फेर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गरदानना :
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स० [फा० गरदान] १. व्याकरण में किसी शब्द के भिन्न-भिन्न विकारी रूप बनाना या बतलाना। २. विस्तारपूर्वक और कई बार समझाकर कोई बात कहना। उद्धरणी करना। ३. ध्यान देना या महत्वपूर्ण समझना। जैसे–हम तुम्हें क्या गरदानते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |