शब्द का अर्थ
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					क्षत्रिय					 :
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					पुं० [सं० क्षत्र+घ—इय] [स्त्री० क्षत्रिया, क्षत्राणी] १. हिन्दुओं के चार वर्णों में से दूसरा वर्ण। इस वर्ण के लोगों का काम देश का शासन और शत्रुओं से उसकी रक्षा करना माना गया है। २. उक्त जाति का पुरुष। 3 राजा। ४. बल। शक्ति।				 | 
			
			
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					क्षत्रियका					 :
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					स्त्री० [सं० क्षत्रिया√कन्+टाप्, ह्रस्व]=क्षत्रिया।				 | 
			
			
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					क्षत्रियहण					 :
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					स्त्री० [सं० क्षत्रिय√हन् (हिंसा)+अच्, ण्त्व] परशुराम।				 | 
			
			
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					क्षत्रिया					 :
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					स्त्री० [सं० क्षत्रिय+टाप्] क्षत्रिय जाति की स्त्री।				 | 
			
			
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					क्षत्रियाणी					 :
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					स्त्री० [सं० क्षत्रिय+आनुक, ङीष्] क्षत्रिय की पत्नी।				 | 
			
			
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					क्षत्रियिका					 :
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					स्त्री० [सं० क्षत्रिया+कन् टाप्, ह्रस्व]=क्षत्रिया।				 | 
			
			
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					क्षत्रियी					 :
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					स्त्री० [सं० क्षत्रिय+ङीष्]=क्षत्रियाणी।				 | 
			
			
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