शब्द का अर्थ
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					कवल्य					 :
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					पुं० [सं० केवल+ष्यञ्] १. केवल अर्थात् निर्लिप्त या विशुद्ध होने की अवस्था या भाव। २. शास्त्रों में विद्या और अविद्या तथा उनके सब कार्यों से अलग होकर ब्रह्म में लीन होना, जो जीवनमुक्ति और विदेहमुक्ति दो प्रकार का माना गया है। निःश्रेयस्। ३. मुक्ति। मोक्ष। ४. एक उपनिषद् का नाम।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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