शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					उगलना					 :
				 | 
				
					स० [सं० उदिगलन, प्रा० उग्गिलन, मरा० उगलणें] १. पेट में पहुँची या मुँह में डाली हुई चीज मुँह के रास्ते फिर से निकालना। जैसे—(क) अनपच होने पर खाया हुआ अन्न उगलना। (ख) कड़वी चीज मुँह में रखते ही उगल देना। २. चुरा, छिपा या दबा कर रखी हुई चीज (विवश होने पर) बाहर निकालना या औरों के सामने रखना। जैसे—मार पड़ते ही चोर ने सारा माल उगल दिया। ३. मन में अच्छी तरह छिपा या दबाकर रखी हुई बात दूसरों पर प्रकट करना। जैसे—उसे कुछ रुपयों का लालच दो, तो वह सारा भेद उगल देगा।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
				| 
					उगलना					 :
				 | 
				
					स० [सं० उदिगलन, प्रा० उग्गिलन, मरा० उगलणें] १. पेट में पहुँची या मुँह में डाली हुई चीज मुँह के रास्ते फिर से निकालना। जैसे—(क) अनपच होने पर खाया हुआ अन्न उगलना। (ख) कड़वी चीज मुँह में रखते ही उगल देना। २. चुरा, छिपा या दबा कर रखी हुई चीज (विवश होने पर) बाहर निकालना या औरों के सामने रखना। जैसे—मार पड़ते ही चोर ने सारा माल उगल दिया। ३. मन में अच्छी तरह छिपा या दबाकर रखी हुई बात दूसरों पर प्रकट करना। जैसे—उसे कुछ रुपयों का लालच दो, तो वह सारा भेद उगल देगा।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |