शब्द का अर्थ
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					उक्थ					 :
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					पुं० [सं०√वच्+थक्] १. उक्ति। कथन। २. सूक्ति। स्त्रोत्र। ३. एक प्रकार का यज्ञ। ४. वह दिन जब यज्ञ में उक्थ अर्थात् स्त्रोत्र पाठ होता है। ५. प्राण। ६. ऋणभक नाम की अष्टवर्गीय ओषधि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उक्थ					 :
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					पुं० [सं०√वच्+थक्] १. उक्ति। कथन। २. सूक्ति। स्त्रोत्र। ३. एक प्रकार का यज्ञ। ४. वह दिन जब यज्ञ में उक्थ अर्थात् स्त्रोत्र पाठ होता है। ५. प्राण। ६. ऋणभक नाम की अष्टवर्गीय ओषधि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उक्थी (क्थिन्)					 :
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					वि० [सं० उक्थ+इनि] स्तोत्रों का पाठ करनेवाला।				 | 
			
			
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				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उक्थी (क्थिन्)					 :
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					वि० [सं० उक्थ+इनि] स्तोत्रों का पाठ करनेवाला।				 | 
			
			
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