शब्द का अर्थ
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					आर्य-समाज					 :
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					पुं० [ष० त०] [वि० आर्य-समाजी] हिंदुओं के अंतर्गत एक आधुनिक संप्रदाय जिसे स्वामी दयानंद सरस्वती ने स्थापित किया था। और जो मूर्ति-पूजा, पुराणों आदि का खंडन तथा मूल वैदिक धर्म का पोषण करता है।				 | 
			
			
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					आर्य-समाजी (जिन्)					 :
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					पुं० [सं० आर्यसमाज+इनि] वह जो आर्यसमाज के सिद्धांत मानता हो और उसका अनुयायी हो। वि० १. आर्यसमाज संबंधी। २. आर्य समाजियों की तरह का।				 | 
			
			
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