शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					आरस					 :
				 | 
				
					पुं० -आलस्य। स्त्री० =आरसी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आरसा					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० रस्सा] १. मोटा तथा लंबा रस्सा। २. रस्से या रस्सी में लगी हुई गांठ या मुद्धी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आरसी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० आदर्श, प्रा० आरिस] १. दर्पण। शीशा। आइना। २. हाथ के अँगूठें में पहनने की वह अँगूठी जिसमें शीशा जड़ा होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					आरस्य					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अरस+ष्यञ्] अ-रस या रस-हीन होने की अवस्था या भाव। अ-रसता। नीरसता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |