शब्द का अर्थ
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					अस्र					 :
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					पुं० [सं०√अस् (फेंकना)+रन] १. कोना। २. रक्त। रुधिर। ३. जल। ४. आँसू। ५. केसर। ६. बाल। पुं० [अ०] १. काल। समय। २. युग। ३. दिन का चौथा पहर। संध्या काल।				 | 
			
			
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					अस्र-कंठ					 :
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					पुं० [ब० स०] बाण।				 | 
			
			
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					अस्र-पित्त					 :
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					पुं० [मध्य० स०] मुँह नाक आदि से खून गिरने का रोग।				 | 
			
			
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					अस्र-फला					 :
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					स्त्री० [ब० स०] सलई का पेड़।				 | 
			
			
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					अस्रज					 :
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					पुं० [सं० अस्र√जन् (पैदा होना)+ड] रक्त या रुधिर से उत्पन्न होनेवाला मांस।				 | 
			
			
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					अस्रप					 :
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					वि० [सं० अस्र√पा (पीना)+क] रक्त पीनेवाला। पुं० १. राक्षस। २. मूल नक्षत्र।				 | 
			
			
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					अस्रपा					 :
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					स्त्री० [सं० अस्रप+टाप्] १. जलौका। जोंक। २. जादूटोना करनेवाली डाइन।				 | 
			
			
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					अस्रु					 :
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					पुं० [सं०√अस् (फेंकना)+रु] अश्रु। (आँसू)।				 | 
			
			
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