शब्द का अर्थ
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					अलह					 :
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					वि० दे० ‘अलभ्य’। पुं० दे० ‘अल्लाह’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					अलहदगी					 :
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					स्त्री० [अ०] अलहदा अर्थात् पृथक् होने की अवस्था या भाव। पार्थक्य।				 | 
			
			
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					अलहदा					 :
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					वि० [अ० अलहदः] १. जुदा। पृथक्। २. अलग। भिन्न।				 | 
			
			
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					अलहदी					 :
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					पुं० दे० ‘अहदी’।				 | 
			
			
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					अलहन					 :
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					पुं० [सं० अ+लहन-प्राप्ति] १. प्राप्ति या लाभ का अभाव। न मिलना। अप्राप्ति। २. आपत्ति। संकट। ३. बुरे दिन। कुसमय।				 | 
			
			
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					अलहनियाँ					 :
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					स्त्री०=अलहन। वि० =अलहदी अर्थात् अहदी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					अलहिया					 :
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					स्त्री० [हिं० आल्हा] संगीत में एक प्रकार की रागिनी।				 | 
			
			
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					अलहैरी					 :
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					पुं० [अ०] एक प्रकार का कूबड़वाला ऊँट जो बहुत तेज चलता है।				 | 
			
			
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