शब्द का अर्थ
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					अरा					 :
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					स्त्री० [सं० अर+टाप्] गाड़ी के पहियों की वह चौड़ी पटरी जो पहियों की गड़ारी और पुट्ठी के बीच में जड़ी रहती है। उदाहरण—नवरस भरी अराएँ अविरल चक्रवाल को चकित चूमती।—प्रसाद। पुं०=आरा (लकड़ी चीरने का)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					अराअरी					 :
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					स्त्री० [हिं० अड़ना] १. एक दूसरे के सामने खड़े रहना। २. अ ड़। जिद। हठ। ३. लाग-डाँट। होड़।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					अराक					 :
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					पुं०=इराक।				 | 
			
			
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					अराकान					 :
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					पुं० [सं० अरि-राक्षस+सं० ग्राम, बरमी० कान=देश] बरमा देश का एक प्रांत जो भारतीय सीमा के पास पड़ता है।				 | 
			
			
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					अराकी					 :
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					वि०=इराकी।				 | 
			
			
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					अराग					 :
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					पुं० [न० त०] राग का अभाव। अ-रति। वि० [सं० न० ब०] राग से रहित।				 | 
			
			
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					अरागी (गिन्)					 :
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					वि० [सं० न० त०] जिसमें राग (प्रेम, रंग, मनोविकार आदि) का अभाव हो।				 | 
			
			
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					अराज					 :
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					वि० [सं० न० ब०] १. बिना राजा का (देश) २. क्षत्रियों से रहित। ३. दे० ‘अराजकता’।				 | 
			
			
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					अराजक					 :
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					वि० [सं० न० ब० कप्] [भाव० अराजकता] १. शासक या शासन-हीन (राज्य या राष्ट)। २. जो शासक या शासन की सत्ता न मानता हो अथवा उसका उल्लंघन या विरोध करता हो। ३. विद्रोही या षड़यंत्रकारी। (अनार्किस्ट)				 | 
			
			
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					अराजकता					 :
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					स्त्री० [सं० अराजक+तल्, टाप्] १. देश में राजा या शासक का न होना या न रह जाना। २. समाज की वह अवस्था जिसमें किसी प्रकार का तंत्र, विधि, व्यवस्था या शासन न रह गया हो। (अनार्की)				 | 
			
			
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					अराजकता-वाद					 :
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					पुं० [ष० त०] वह सिद्धांत या मतवाद जो यह प्रतिपादित करता है कि शासन अभिशाप या पाप है, क्योंकि यह व्यक्तियों की स्वतंत्रता को कम करता है और उन पर तरह-तरह के बंधन लगाता है। (अनार्किज्म)				 | 
			
			
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					अराजकतावादी (दिन्)					 :
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					वि० [सं० अराजकता√वद्(बोलना)+णिनि] अराजकतावाद का अनुयायी, प्रतिपादक या समर्थक।				 | 
			
			
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					अराजन्य					 :
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					वि० [सं० न० त०] १. (व्यक्ति) जो राजन्य या क्षत्रिय न हो। २. [न० ब०] (राज्य) जिसमें क्षत्रिय न हो।				 | 
			
			
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					अराजी					 :
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					स्त्री० [अ० अर्ज का बहु०] १. धरती। भूमि। २. खेती बारी के काम में आनेवाली जमीन।				 | 
			
			
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					अराड़					 :
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					पुं० [सं० अट्टाल] १. ढेर। राशि। २. काठ-कबाड़ अर्थात् टूटे-फूटे समान का बहुत बड़ा और ऊँचा ढेर। ३. वह दूकान या स्थान जहाँ जलाने की लकड़ी बिकती है।				 | 
			
			
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					अराड़ना					 :
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					अ० [?] गर्भपात या गर्भ-स्राव होना। (पशुओं के लिए प्रयुक्त)				 | 
			
			
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					अरात					 :
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					पुं० [सं० अराति] शत्रु। दुश्मन। उदाहरण—नहिं राती है प्रीति सौं है अरात पै रात।—रसनिधि।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					अराति					 :
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					पुं० [सं०√रा (दान)+क्तिच्, न० त०] १. दुश्मन। शत्रु। २. शास्त्रों में, काम, क्रोध, लोभ, मद, मोह और मत्सर ये छः मनोविकार जो मनुष्य के सद्गुण और सुख नष्ट कर देते हैं। ३. उक्त के आधार पर छः की संख्या। ४. ज्योतिष में, जन्म-लग्न से छठा स्थान। विशेष गे० ‘अरि’।				 | 
			
			
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					अराद्धि					 :
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					स्त्री० [सं० √राध्(सम्यक् सिद्धि)+क्तिन्, न० त०] १. दुर्भाग्य। २. विफलता। ३. अपराध। दोष। ४. पाप।				 | 
			
			
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					अराधन					 :
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					पुं०=आराधन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					अराधना					 :
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					स० [सं० आराधन] १. आराधना या उपासना करना। २. अर्चन, पूजा आदि करना। ३. मन में किसी का ध्यान करके कुछ मनाना। स्त्री० दे० ‘आराधना’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					अराधी					 :
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					पुं०=आराधक।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					अराना					 :
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					पुं०=अड़ाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					अराबा					 :
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					पुं० [अ० अराबः] १. पुरानी चाल की गाड़ी या रथ। २. तोप लादने की गाड़ी। तोप-गाड़ी। (गन कैरज)				 | 
			
			
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					अराम					 :
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					पुं०=आराम।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					अरारूट					 :
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					पुं० [अ० एरोरूट] १. एक प्रसिद्ध पौधा जिसके कंद को कूटकर सत्त निकाला जाता है। २. उक्त पौधे का सफेद सत्त जो छोटे दानों के रूप में होता और रोगियों के लिए पथ्य का काम देता है।				 | 
			
			
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					अरारोट					 :
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					पुं०=अरारूट।				 | 
			
			
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					अराल					 :
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					वि० [सं०√ऋ+विच्-अर-आ√ला+क] [स्त्री० अराला] १. टेढ़ा, तिरछा या वक्र। २. घुँघराला (जैसे—बाल) ३. अपवित्र। पुं० १. मतवाला या मस्त हाथी। २. राल। ३. सिर के बाल। केश।				 | 
			
			
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					अरावल					 :
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					पुं०=हरावल।				 | 
			
			
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					अरावली					 :
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					स्त्री० [सं० ] राजस्थान की एक प्रसिद्ध पहाड़ी।				 | 
			
			
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