शब्द का अर्थ
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					अपर्याप्त					 :
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					वि० [सं० न० त०] १. जो पर्याप्त (पूरा या यथेष्ट) न हो। २. (न० ब०) असीम।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अपर्याप्त-कर्म (न)					 :
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					पुं० [कर्म० स०] जैन-शास्त्रानुसार वह पाप-कर्म जिसके उदय से जीव के पूर्णता प्राप्त करने में बाधा होती है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अपर्याप्ति					 :
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					स्त्री० [सं० न० त०] १. अपर्याप्त होने की अवस्था या भाव। २. पूर्णता का अभाव। कमी। त्रुटि। ३. अक्षमता। अयोग्यता।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |