शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					अनलेख					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० अन=नहीं+सं० लक्ष्य=देखने योग्य] १. जो दिखाई न दे। अलक्ष्य। अदृश्य। २. अगोचर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अनलेखा					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० अन=नहीं+लेखा] १. जिसका लेखा या हिसाब न हो सके। २. अनगिनत। असंख्य। उदाहरण—साधनपुंच परे अनलेखे, मै हौं अपने मन एकौ न लेख्यौ।—घनानंद।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |