शब्द का अर्थ
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					अनर्घ					 :
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					वि० [सं० न-अर्घ, न० ब०] १. जिसका अर्घ या मूल्य न हो। २. बहुमूल्य। ३. उचित या नियत दर या भाव से कम या अधिक। जैसे—अनर्घ क्रय या विक्रय।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
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					अनर्घ्य					 :
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					वि० [सं० न-अर्घ्य, न० त०] १. जो अर्घ्य प्राप्त करने तथा पूजेजाने के योग्य न हो। २. जिसका मूल्य न लगाया जा सके। बहुमूल्य। ३. [न० ब०] सबसे अधिक पूजनीय।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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