शब्द का अर्थ
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					अजय					 :
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					पुं० [सं० न० त०] जय का विरोधी भाव या विपर्याय। पराजय। हार। वि० [सं० न० ब०] जिसे जीत न सकें। अजेय। पुं० १. विष्णु। २. अग्नि। ३. छप्पय नामक छंद का एक भाग।				 | 
			
			
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					अजयपाल					 :
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					पुं० [सं० अय√ पाल् (रक्षा करना) +अणु, न० त०] १. जमाल-गोटा। २. संगीत में एक राग जो भैरव राग का पुत्र माना गया है।				 | 
			
			
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					अजया					 :
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					स्त्री० [सं० न० ब०] १. भाँग। २. माया। ३. दुर्गा की एक सहचरी। स्त्री०=अजा (बकरी)।				 | 
			
			
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					अजय्य					 :
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					वि० [सं०√जि (जीतना)+यत्, न० त०]=अजेय।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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