शब्द का अर्थ
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					अज					 :
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					वि० [सं०√जन्+ड, न० त०) १. जो जन्मा न हो। २. जिसका अस्तित्व आदि काल से बना हो। अनादि। पुं० १. वह जिसका अस्तित्व आदि काल से बना हो। जैसे—ब्रह्मा, विष्णु, शिव, कामदेव आदि। २. राजा दशरथ के पिता का नाम। ३. भेड़। ४. बकरा। ५. माया। ६. चंद्रमा। ७. मेघ राशि। ८. एक प्रकार का धान्य। ९. अग्नि या सूर्य का रथ। १. नक्षत्र बोथी जिसमें तीन नक्षत्र होते है। (ज्यों) क्रि० वि० [सं० अद्य, प्रा० अज्ज) १. इस समय। अब। २. अभी तक। अज=प्रत्यय (फा० से (विभक्ति) जैसे—अज-खुद=आप से आप। स्वतः।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अज-कर्ण					 :
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					पुं० [ब० स०] असन नामक वृक्ष।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अज-गंधा					 :
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					स्त्री० [ब० स०] अजमोदा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अज-देवता					 :
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					पुं० [सं० ष० त०) १. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र। २. अग्नि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अज-पति					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] मंगल ग्रह का एक नाम।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					अज-मीढ़					 :
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					पुं० [सं० अजो मीढ़ो यज्ञे सिक्तः यत्र, ब० स०] १. अजमेर का प्राचीन नाम। २. पुरुवंशीय हरित का बड़ा पुत्र। युधिष्ठिर।				 | 
			
			
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					अज-मुख					 :
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					वि० [सं० ब० स०] जिसका मुँह बकरे या बकरे जैसा हो। पुं० दक्ष प्रजापति का एक नाम।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					अज-मोदा					 :
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					स्त्री० [सं० ब० स०] अजमोद नामक पौधा या उसका बीज।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अज-लोमा					 :
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					स्त्री० [सं० ब० स०] केवांच। कौंछ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अज-वल्ली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मध्य० स०) मेढ़ासिंगी नामक ओषधि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अज-वाह					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०) कच्छ-काठियावाड़ का पुराना नाम।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अज-वीथी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मध्य० स०) आकाश का वह छायापथ जिसमें हमारा सौर जगत् है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अज-श्रंगी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०) मेढ़ासिंगी नामक पौधा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अजक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अज+कन्) राजा पुरुरवा का एक वंशज।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजकर्णक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अजकर्ण √कै (शब्द)+क्) १. आँख का एक रोग। फूलो (देखें)। २. साल वृक्ष।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अजका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० अजक+टाप्) १. कम उमर की बकरी। २. अजागलस्तन। ३. आँख का एक रोग। फूली (देखें)। वि० (हिं० अ+फा० जक=पराजय) उद्धत। उद्दंड। उदाहरण—देख सहेली नो धणी, अजको बाग उठाया—कविराज सूर्यमल।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजकाव					 :
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					पुं० [सं० अजका+ वा (गति) +क) १. शिव का धनुष। २. बबूल का पेड़। ३. एक प्रकार का यज्ञपात्र। ४. फूली नामक नेत्र रोग।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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				| 
					अजग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अज√ गम् (जाना) +ड) १. शिव का धनुष। २. विष्णु। ३. अग्नि का रथ। ४. सूर्य की किरण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजग़बी					 :
				 | 
				
					वि० (फा० +अ०) १. आकाश से अथवा आकस्मिक रूप से आने या होने वाला। २. दैवी। ३. आकस्मिक।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजंगम					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० न० त०] छप्पय नामक मात्रिक छंद का एक भेद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजगर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अज=बकरी√गृ (निकलना) +अच्) एक प्रकार का बहुत मोटा और भारी साँप जो भेड़ बकरियों तक को निगल जाता है। (इसकी अनेक जातियाँ होती हैं।)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजगरी					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अजगरीय) अजगर-संबंधी। जैसे—अजगरी वृत्ति। स्त्री० अजगर की सी वृत्ति, जिसमें कोई काम-धंधा किये बिना आदमी चुपचाप खाता रहता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजगव					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अजग+व) शिव का धनुष। पिनाक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजगुत					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अयुक्त) १. जो युक्तिसंगत न हो। बेमेल। २. अद्भुत। विलक्षण। ३. अनुपम। बेजोड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजगुतहाया					 :
				 | 
				
					वि० (हिं० अजगुत+हाया (प्रत्यय) (स्त्री० अजगुतहायी) आश्चर्यजनक और अनोखा। विचित्र। विलक्षण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजगूता					 :
				 | 
				
					वि० दे० ‘अजगुत'।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजगैब					 :
				 | 
				
					क्रि० वि० (फा० अज (=से) +अ०गैब=परोक्ष, आकाश) १. अलक्षित या परोक्ष स्थान से। २. आकाश से। ३. दैव की ओर से।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजटा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० न० ब०] भूम्या आमलकी। भुँइ आँवला। (पौधा)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजड़					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० त०] जो जड़ न हो अर्थात् चेतन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजदहा					 :
				 | 
				
					पुं० (फा०) अजगर नाम का मोटा और बड़ा साँप।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजन					 :
				 | 
				
					वि० [ब० स०] १. जनहीन। निर्जन (स्थान)। २. देय ‘अजन्मा'। पुं० (न० त०) १. वह जो अच्छा आदमी न हो। बुरा या नीच आदमी। २. ब्रह्मा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजनबी					 :
				 | 
				
					वि० (फा०) (ऐसा नया आदमी) जो स्थान आदि से परिचित न हो। अथवा जिससे लोग परिचित न हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजन्म					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० त०] १. जो उत्पादन के योग्य न हो। २. जो मानवता के लिए अहितकर या अशुभ हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजन्मा (न्मन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० ब०] १. जिसका जन्म न हुआ हो। जिसने जन्म न लिया हो। २. बिना जन्म लिए ही जो अस्तित्व में आया हो। ३. जो जन्म के बंधन से मुक्त हो चुका हो। ४. जारज। दोगला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजन्य					 :
				 | 
				
					वि० दे० ‘अजन्मा'।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजप					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० जप् (जपना) +अच्, न० त०) १. शास्त्र द्वारा प्रतिपादित रीति से न पढ़ने वाला। २. शास्त्र या धर्म विरोधी ग्रंथों का पाठ करने वाला। वि० (न० ब०) जो जपा न जाए। दे० ‘अजपा'।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजपह					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अदपा] मन ही मन सोचना। उदाहरण—षिन तलपह अजपह मन कीनों-चन्द्रवरदाई।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजपा					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अ+हिं० जपना] १. जिसका जप न किया गया हो अथवा न किया जाए। २. जप न करनेवाला। पुं० [सं० √जप्+अच्, टाप्, न० त०) मंत्र जपने का वह प्रकार जिसमें मन ही मन जप किया जाता है, मुँह से उच्चारण नहीं किया जाता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजपाल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अज√पाल्+अण्] १. बकरा पालने वाला। गड़ेरिया। २. दशरथ के पिता का नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजब					 :
				 | 
				
					वि० [अ०] अनोखा। विचित्र। विलक्षण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजंभ					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० ब०] १. (बच्चा) जिसके दाँत न निकले हो। २. (व्यक्ति) जिसके दाँत न रह गये हो। दंत रहित। पुं० १. बच्चे की वह अवस्था जिसमें दांत अभी नहीं निकले होते। २. सूर्य। ३. मेढ़क।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजम					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० अज्म] १. अरब के आस पास के ईरान, तूरान आदि देशों का पुराना नाम। २. अरब जाति से भिन्न व्यक्ति।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज़माइश					 :
				 | 
				
					स्त्री०=आजमाइश।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजमाना					 :
				 | 
				
					पुं०=आज़माना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजमी					 :
				 | 
				
					वि० (हिं० अजम (देश) अजम देश का। पुं० अजम का रहने वाला। ईरानी या तूफानी। स्त्री० अज्म या अजम देश की भाषा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजमूदा					 :
				 | 
				
					वि० दे० ‘अजमोद'।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजमोद					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० अजमोदा] अजवाइन की तरह का एक पौधा जिसके बीज मसाले के काम आते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजय					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० न० त०] जय का विरोधी भाव या विपर्याय। पराजय। हार। वि० [सं० न० ब०] जिसे जीत न सकें। अजेय। पुं० १. विष्णु। २. अग्नि। ३. छप्पय नामक छंद का एक भाग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजयपाल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अय√ पाल् (रक्षा करना) +अणु, न० त०] १. जमाल-गोटा। २. संगीत में एक राग जो भैरव राग का पुत्र माना गया है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजया					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० न० ब०] १. भाँग। २. माया। ३. दुर्गा की एक सहचरी। स्त्री०=अजा (बकरी)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजय्य					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√जि (जीतना)+यत्, न० त०]=अजेय।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजर					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० ब०] जिसे जरा या बुढ़ापा न आवे। सदा एक सा बना रहने वाला। पुं० १. परब्रह्वा। २. देवता। वि० [सं० अ=नहीं+जृ=पचना) जो पचाया न जा सके।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजरा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० न० ब०, टाप्] १. घृतकुमारी। घीकुआँर। (पौधा) २. विधारा। (पौधा) ३. छिपकली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजरायल					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अजर] १. जो कभी जीर्ण या पुराना न हो। २. सदा एक-सा रहने वाला। चिरस्थायी। ३. दृढ़। पक्का। ४.बलवान। शक्तिशाली। वि० [सं० अ (=नहीं) +दर=डर) निर्भय। निःशंक।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजराल					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अ=नहीं+जू=पुराना पड़ना] बलवान। शक्तिशाली। (डिं०)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजरावन					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अजर+हिं० आवन (प्रत्यय) अजर करने या सदा एक-सा बनाये रखनेवाला। स्त्री० अजर होने की अवस्था या भाव। (पूरब)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजरावर					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अजर+अमर) १. जिसका नाश न हो। नष्ट न होनेवाला। २. दृढ़ या पक्का।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजर्य					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√जृ (वयोहानि) +यत्, न० त०)=अजर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजल					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० ब०] १. (पदार्थ) जिसकी रचना में जल का तत्त्व या जलीय अंश न हो। (एनहाइड्रस) जैसे—नमक या किसी चीज का रवा। २. जल रहित। निर्जल। क्रि० वि० बिना जल के। निर्जल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजल					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अ०] मृत्यु। मौत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजवाइन					 :
				 | 
				
					स्त्री०=अजवायन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजवायन					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० यवानी, ब०यमानी, पं० अजवैन, मरा० ओवा) १. एक पौधा जिसके बीज ओषधि तथा मसाले के काम आते हैं। २. उक्त पौधे के बीज।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजस					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अयश) यश या कीर्ति का अभाव। यश न होना। पुं०=अपयस।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजसी					 :
				 | 
				
					वि० (हिं० अजस) जिसे अच्छा काम करने पर भी यश न मिलता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजस्र					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√जस् (हिंसा) +र, न० त०] [भाव० अजस्रता] बराबर या लगातार चलता रहनेवाला। जिसका क्रम न टूटे। क्रि० वि० निरंतर। लगातार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजहति					 :
				 | 
				
					स्त्री० दे० अजहत् लक्षण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजहत्					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√हा (त्याग) +शतु, न० त०) न त्यागने वाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजहत्-लक्षणा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० न० ब०] लक्षण के तीन भेदों में से एक जिसमें लक्षण शब्द अपना वाच्यार्थ प्रकट करने के अतिरिक्त कुछ और आशय भी प्रकट करता है। जैसे—तोपों के पहुँचते ही शत्रु भागने लगे। मैं तोपों के साथ उन्हें चलाने वाले तोपचियों का भी भाव आ जाता है। अजहत्-स्वार्था।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजहत्-स्वार्था					 :
				 | 
				
					स्त्री०=अजहत् लक्षण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजहल्लिंग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० न० ब०] (संस्कृत व्याकरण में) वह संज्ञा जो विश्लेषण के रूप में प्रयुक्त होने पर भी अपने लिंग को न छोड़े।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजहुँ (हूँ)					 :
				 | 
				
					क्रि० वि० [सं० अद्यतन, अप० अजूहँ, प्रा० अज्जउण, मरा० अजनू) १. आज तक। २. अभी तक। इस समय तक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजा					 :
				 | 
				
					वि (स० अज+टाप्) जो पैदा न हुआ हो। जिसने जन्म न लिया हो। स्त्री० १. बकरी। २. सांख्य के अनुसार प्रकृति या माया। ३. दुर्गा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजा-गल-स्तन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०) १. बकरी के गले में थैली की तरह लटकनेवाला वह अंश जो देखने में स्तन के समान जान पड़ता है। २. (लाक्षणिक रूप में) ऐसी वस्तु जो देखने में उपयोगी जान पड़ने पर भी निर्थक हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजागर					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० ब०] न जागने वाला। पुं० भृगंराज। भँगरैया।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजाचक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अयाचक) जो माँगता न हो। जो याचक न हो। न माँगनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजाची					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अ-याचिन) जिसने याचना न की हो। न माँगने वाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजात					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० त०] १. जो उत्पन्न न हुआ हो। जिसने जन्म न लिया हो। जैसे—अजात-पक्ष=पक्षी जिसके पक्ष न निकले हों। २. जो जन्म के बंधन से मुक्त हो चुका हो। वि० (हिं० अ+जात) १. जिसकी कोई जाति न हो। २. छोटी जाति का। ३. जो जाति से निकाल दिया गया हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजात-रिपु					 :
				 | 
				
					वि० =अजात-शत्रु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजात-शत्रु					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० ब०] जिसका कोई विरोधी, वैरी या शत्रु न हो। पुं० १. युधिष्ठिर। २. शिव। ३. मगध के राजा बिंबसार का पुत्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजातारि					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अजात				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजाति					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० ब०] १. जिसकी कोई जाति न हो० २. जिसका किसी जाति से कोई संबंध न हो। ३. नीच जाति का। ४. जाति से निकाला हुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजाती					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अ+जाति) वह जो अपनी जाति या बिरादरी से (किसी अपराध के कराण) निकाल दिया गया हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजाद					 :
				 | 
				
					वि० =आजाद (स्वतंत्र)। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजान					 :
				 | 
				
					वि० (हिं० अ+जानना) १. न जाननेवाला अथवा जिसे कोई न जानता हो। २. (बालक) जिसे ज्ञान या बोध न हुआ हो। ३. (व्यक्ति) जिसे ज्ञान, बोध या समझ न हो। ४. (विषय या व्यक्ति) जिसके संबंध में विशेष जानकारी प्राप्त न हुई हो। उदाहरण—(क) आये आगे किसी अजाने दूर देश से चलकर-निराला। (ख) मुस्कानों में उछल मृदु बहती वह किस ओर अजान-पन्त। पुं०=अज्ञान। पुं० (?) १. एक पेड़ जिसके नीचे जाने पर बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। २. एक प्रकार का धान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजान					 :
				 | 
				
					स्त्री० (अ० अजान) मसजिद में से मुल्ला की वह पुकार जो मुसलमानों को नमाज पढ़ने के लिए आमंत्रित करती है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजान-बीरो					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अजान+बीरो=पौधा) एक प्रकार का पौधा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजानता					 :
				 | 
				
					स्त्री०=अजानपन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजानपन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अज्ञान प्रा० अञ्जान+हिं० पन) ज्ञान न होने की अवस्था या भाव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजानि					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नास्ति जाया यस्य, न० ब० जाया-नि आदेश) १. जिसकी पत्नी न हो। २. जिसकी पत्नी मर गयी हो। विधुर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजानिक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अज-आन, ब० स०, अजान+ठन्-इक) बकरियों का व्यवसाय करने वाला। वि० १. दे० अजान। २. दे० अजानि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजाने					 :
				 | 
				
					क्रि० वि० १. अनजान में। २. बिना जाने।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजामिल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ) पुराणानुसार एक प्रसिद्ध पापी जो मरते समय अपने पुत्र नारायण का नाम लेने के कारण ही मोक्ष का अधिकारी हुआ था।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजाय					 :
				 | 
				
					वि० (अ=नहीं+फा० जाय=जगह) १. जो अपने उचित या ठीक स्थान पर न हो। न फबने वाला। २. अनुचित या अनुपयुक्त। ३. ना-मुनासिब। बेजा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजायब					 :
				 | 
				
					पुं० (अ०) अजब का बहुवचन विलक्षण बातों या पदार्थों का वर्ग या समूह।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजायबखाना					 :
				 | 
				
					पुं०=अजायबघर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजायबघर					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० अजायब+घर] वह भवन या उसका भाग जिसमें पुराकालीन कला-कौशल संबंधी और विभिन्न प्रकार की अद्भुत तथा विलक्षण वस्तुएँ संगृहीत, परिरक्षित तथा प्रदर्शित की जाती हैं। (म्यूजियम)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजायाँ					 :
				 | 
				
					वि० [स्त्री० अजाई] दे० ‘अजाय'।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजार					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० आजार] १. रोग। बीमारी। २. कष्ट। संकट।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजारा					 :
				 | 
				
					पुं० दे० इजारा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजि					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√अज् (गति)+इन] जाने वाला। गमन करने वाला। स्त्री० १. गति। २. गतिशीलता। ३. फेंकने की क्रिया या भाव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजिऔरा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० आर्या-दादी, प्रा०अज्जा+सं० पुर) आजी या दादी के पिता का घर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजिगर्त					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अजी (गमन)-गर्त, ब० स०) १. एक ऋषि जो शुनः शेफ के पिता थे। २. साँप।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजित					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० त०] १. जिसे जीता न जा सके। २. जिस पर किसी ने विजय न पाई हो। पुं० १. विष्णु। २. शिव। ३. चतुर्दश मन्वंतर के देवताओं का एक वर्ग। ४. बुद्ध। ५. एक प्रकार का जहर-मोहरा। ६. एक विषैला चूहा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजित-नाथ					 :
				 | 
				
					पुं० (कर्म० स०) जैनियों के दूसरे तीर्थकर का नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजित-बला					 :
				 | 
				
					स्त्री० (ब० सं० ) एक जैन देवी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजिता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० अजित=टाप्) भादों बदी एकादशी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजितेन्द्रिय					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अजित-इंद्रिय, ब० स०) जिसने अपनी इंद्रियों को वश में न किया हो। फलतः असंयमी तथा इंद्रिय-लोलुप।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजिन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० √अज् (फेंकना) +इनच्) १. खाल। चर्म। २. चीते शेर, हिरण आदि का चमड़ा जो ओढ़ा या बिछाया जाता है। मृगछाला। ३. मृग (शेर, चीते, हिरण आदि पशु) ४. चमड़े का थैला। ५. धौंकनी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजिया					 :
				 | 
				
					वि० (हिं० आजा=दादा) जो संबंध के विचार से आजा के पद का हो। जैसे—अजिया ससुर, अजिया सास आदि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजिर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√अज्+किरन) १. आँगन। सहन। २. खुली हुई जमीन या मैदान। ३. हवा। ४. शरीर। ५. मेढ़क। ६. छछूंदर। वि० १. तीव्र। तेज। २. चंचल। चपल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजिरवती					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० अजिर+मतुप्-वत्व-डीप्) वह नदी जिसके किनारे श्रावस्ती नगर बसा था, तथा जिसे आजकल राप्ती कहते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजिरा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० अजिर=टाप्) १. अजिरवती। २. दुर्गा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजिरीय					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अजिर+छ-ईय) अजिर-संबंधी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजिह्व					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० ब०] जिसे जीभ न हो। जैसे—मेढ़क।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजी					 :
				 | 
				
					अव्य० [सं० अयि या हिं० ऐ जो) संबोधन का शब्द। ऐ जी का संक्षिप्त रूप।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजीज					 :
				 | 
				
					वि० (अ० अजीज) १. जिससे प्रेम हो। प्रिय। २. जो निज का या अपना हो। आत्मीय। ३. समीपी। निकट-संबंधी। रिश्तेदार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजीत					 :
				 | 
				
					वि० दे० अजित।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजीब					 :
				 | 
				
					वि० (अ०) १. जो अपनी सामान्य स्थिति से चकित कर दे। विलक्षण। २. जिसे देखकर आश्चर्य भी हो और प्रसन्नता भी। अद्भुत। ३. जो अनूठा या उत्कृष्ट हो। पद—अजीब वो गरीब-(क) परम विलक्षण। (ख) अति उत्कृष्ट।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजीम					 :
				 | 
				
					वि० (अ०) (भाव० अजमत्) १. बहुत बड़ा। विशालकाय। २. वृद्ध और पूज्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजीरन					 :
				 | 
				
					पुं०=अजीर्ण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजीर्ण					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√जृ (वयोहानि) +क्त, न० त०) १. जो जीर्ण या पुराना न हो। फलतः जो नया या अच्छी हालात में हो। २. जो टूटा-फूटा न हो। अक्षुण्ण। ३. जो पचा न हो। पुं० १. एक रोग जिसमें पाचन-शक्ति बिगड़ जाने के कारण भोजन नहीं पचता। अपच। बदहजमी। २. किसी बात या वस्तु की ऐसी अभिव्यक्ति जो उसके निरर्थक बाहुल्य की सूचक तथा हास्यास्पद हो। जैसे—धन या बुद्धि का अजीर्ण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजीव					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० ब०] १. जिसमें जीवन या जीवन शक्ति न हो। निर्जीव। २. जिसकी जीवन शक्ति नष्ट हो गयी हो। मृत। ३. जिसमें चेतना या चेतन शक्ति न हो। अचेतन। पुं० [सं० न० त०] १. जड़ पदार्थ। २. जैनों के अनुसार धर्म, नीति आदि तत्त्व।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजु					 :
				 | 
				
					अव्य [?] और। जो (डिं०)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजुगति					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० अजगुत] अज होने की अवस्था, गुण या भाव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजुगुत					 :
				 | 
				
					वि० दे० ‘अजगुत’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजू					 :
				 | 
				
					अव्य० दे० अजी। (ब्रज और बुन्देल०)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजूजा					 :
				 | 
				
					पुं० (देश) मुर्दे खाने वाला एक जानवर जो बिच्छू की तरह होता है।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजूबा					 :
				 | 
				
					वि० [अ० अजूब] [स्त्री० अजूबी] अनोखा। विलक्षण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजूरा					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अ+युज्=जोड़ना] १. जो जुड़ा न हुआ हो। अलग या पृथक्। २. जो प्राप्त न हुआ हो। अप्राप्त। पुं० (अ०) १. मजदूरी। २. वेतन। ३. भाड़ा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजूह					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुद्ध,प्रा० जुज्झ] युद्ध। लड़ाई। समर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजे					 :
				 | 
				
					अव्य [सं० अद्य) इस समय। अब। उदाहरण—सत्र साबतौ अजे लगिं साथ।—प्रिथीरज। पुं०=अजय।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजेइ					 :
				 | 
				
					वि०=अजेय।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजेत्वय					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० त०]=अजेय।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजेय					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√जि (जीतना) +यत्, न० त०] १. जो जीता न जा सकता हो। २. जो हारा न हो। अपराजित।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजै					 :
				 | 
				
					वि० =अजेय। पुं० =अजय।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजैकपाद					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०) १. विष्णु। २. एक रुद्र का नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजैव					 :
				 | 
				
					वि० (संजीव+अणु, न० त०) १. जिसमें जीवों के से अंग या अवयव न हों। २. रसायन में ऐसा तत्त्व या मिश्रण जो जीवों वाली क्रियाओं या व्यापारी से रहित हो। जड़। जैसे—धातु, पत्थर आदि। ३. जो जीव जन्तुओं से निकला या बना हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजोग					 :
				 | 
				
					वि०=अयोग्य। पुं० [सं० अ+योग) अनुपयुक्त, अशुभ या बुरा योग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजोघा					 :
				 | 
				
					स्त्री०=अयोध्या।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजोता					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अयुक्त, प्रा० अजुत) चैत्र की पूर्णिमा का दिन। (देहातों में इस दिन बैल नहीं जोते जाते।)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजोरना					 :
				 | 
				
					स०=अँजोरना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजोरी					 :
				 | 
				
					क्रि० वि० [फा० जोर, हिं० जोराजोरी] १. बलपूर्वक। जबरदस्ती। २. बरबस। अनायास। उदाहरण—टोना सी पढ़नावत सिर पर जो भावत सो लेत अजोरी।—सूर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अजौं					 :
				 | 
				
					क्रि० वि० [सं० अद्य, प्रा० अजुत्त] चैत की पूर्णिमा का दिन। (देहातों में इस दिन बैल नहीं जोते जाते।)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज्ज					 :
				 | 
				
					क्रि० वि०, पुं०=आज।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज्ञ					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√ज्ञा (जानना) +क, न० त०) (भाव० अज्ञता) १. जिसे ज्ञान या समझ न हो। २. जो जानकार न हो। ३. अज्ञानी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज्ञत					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० त०] १. जो जाना गया न हो। जिसके संबंध में कुछ ज्ञात न हो। जैसे—अज्ञात व्यक्ति। २. जिसे ज्ञान या भान न हो। जैसे—अज्ञात-यौवना। ३. जिसे कोई न जानता हो। (अनुनीन)। ४. जो ऐसे रूप या वेष में हो कि कोई उसे पहचान न सके। ५. जो प्रकट या विदित न हो। क्रि० वि० अनजान में० बिना जाने।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज्ञा					 :
				 | 
				
					स्त्री०=आज्ञा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज्ञात-कुल					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० ब०] १. जिसके कुल या वंश का ठीक पता न हो। २. जो अपने अनिश्चित या अस्पष्ट गुण, रूप आदि के कारण किसी वर्ग में न रखा गया हो।(नॉन-डेस्कि्रप्ट				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज्ञात-चर्या					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० क्रम० स०]=अज्ञातवास।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज्ञात-नामा (मन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० ब०] १. जिसका नाम विदित न हो। २. अप्रसिद्ध। अविख्यात।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज्ञात-पितृक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० न० ब, कप्] १. जिसे अपने पिता या जनक का पता न हो। २. वेश्या का पुत्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज्ञात-यौवना					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० न० ब०] साहित्य में वह मुग्धा नायिका जिसे अपने यौवन के आगमन का अभी तक ज्ञान या भान न हुआ हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज्ञात-वास					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०] समाज से बिल्कुल अलग होकर ऐसे स्थान पर रहना जहाँ किसी को पता न लग सके। सब कि दृष्टि से छिपकर रहना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज्ञातक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अज्ञात+कन्] १. अज्ञात। २. अप्रसिद्ध। (क्व)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अज्ञाता					 :
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					स्त्री० [सं० अज्ञात+टाप्, न० त०]=अज्ञात-यौवना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अज्ञान					 :
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					वि० [सं० न० त०] (भाव० अज्ञानता) १. जिसे ज्ञान न हो। २. मूर्ख। पुं० (न० त०) १. सामान्य ज्ञान न होने की अवस्था या भाव। २. किसी विषय-विशेष का ज्ञान न होने की अवस्था या भाव। ३. मिथ्या ज्ञान। ४. मूर्खता। जड़ता। ५. जीवात्मा के गुण और गुण के कार्यों से विभिन्न तथा पृथक न समझने का अविवेख। (अधायत्म) ६. न्याय में निग्रह का एक स्थान।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					अज्ञानतः					 :
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					क्रि० वि० [सं० अज्ञान+तस्) १. अज्ञान के कारण। अज्ञता-वश (किया हुआ) २. बिना जाने बुझे या समझे।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					अज्ञानता					 :
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					स्त्री० [सं० अज्ञान+तल्-टाप्) १. ज्ञान न होने की अवस्था या भाव। २. किसी वस्तु का ज्ञान कन होने की अवस्था या भाव। ३. मिथ्या ज्ञान। ४. मूर्खता। ना समझी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					अज्ञानपन					 :
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					पुं०=अज्ञानता।				 | 
			
			
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					अज्ञानी (निन्)					 :
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					वि० [सं० न० त०] १. जिसे ज्ञान न हो। ज्ञान-शून्य। २. मूर्ख। न-समझ।				 | 
			
			
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					अज्ञेय					 :
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					वि० [सं० न० त०] जिसे अथवा जिसके संबंध की बातें किसी प्रकार जानी ही न जा सकती हों। ज्ञानातीत। (अन्-नोयबल) जैसे—ब्रह्म का स्वरूप अज्ञेय है।				 | 
			
			
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					अज्ञेय-वाद					 :
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					पुं० [ष० त०] वह सिद्धांत जिसके अनुसार यह माना जाता है कि इस दृश्य जगत से परे जो कुछ है वह अज्ञेय है।				 | 
			
			
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					अज्ञेयवादी (दिन्)					 :
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					पुं० [सं० अज्ञेयवाद+इनि] उक्त सिद्धांत का अनुयायी या समर्थक।				 | 
			
			
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					अज्यों					 :
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					क्रि० वि० दे० ‘अर्जी’।				 | 
			
			
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