शब्द का अर्थ
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					अगड़-बगड़					 :
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					वि० [अनु० या सं० अकटा-विकटा (देवियाँ)] १. बे-सिर पैर का। ऊलजलूल। २. जिसका कोई क्रम न हो। क्रम विहीन। ३. निकम्मा। व्यर्थ का। स्त्री० १. बे-सिर पैर की बात। २. ऐसा काम जिसका कोई क्रम निर्धारित न हो। ३. व्यर्थ का प्रलाप या काम। अनुपयोगी कार्य।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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