शब्द का अर्थ
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					अक्षत					 :
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					वि० [सं०√क्षण् (हिसा) +क्त, न० त०] १. जो क्षत या टूटा-फूटा न हो अर्थात् पूरा। २. जिसके खंड या टुकड़े न हुए हो। अखंडित। ३. क्षत या घाव से रहित। पुं० १. कच्चा चावल जिसका उपयोग देव-पूजन में किया जाता है। २. धान का लावा। ३. जौ। ४. शिव का एक नाम। ५. नपुसंक। हिजड़ा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					अक्षत-योनि					 :
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					वि० [ब० स०] (कन्या या स्त्री०) जिसका पुरुष से संबंध या मैथुन न हुआ हो। (वर्जिन)				 | 
			
			
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					अक्षत-वीर्य					 :
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					वि० [न० ब०] (पुरुष) जिसका वीर्य स्खलित न हुआ हो। पुं० १. शिव। २. नपुंसक। (क्व) ३. क्षय का अभाव।				 | 
			
			
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					अक्षता					 :
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					वि० [सं०√क्षण्+क्त-टाप्, न० त०]=अक्षत योनि। स्त्री०१. वह स्त्री० जिसका पुनर्विवाह तक किसी पुरुष से संयोग न हुआ हो। २. काकड़ा सींगी।				 | 
			
			
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